Saturday, July 20, 2013

खूँटेदार पशु- शौचालय



     गाँवों में शौचालय निर्माण के लिये दी जाने वाली सीमेंट की फर्श जिसके नीचे गड्ढा खोदकर शौचालय का निर्माण किया जाता है, खराब क्वालिटी के होने के कारण लोग उसका उपयोग इंसानों के लिये न करते हुए अपने पालतू पशुओं के लिये पक्की फर्श के रूप में करते हैं ताकि बरसातों में कच्ची गीली जमीन से पशुओं को कुछ हद तक राहत मिल सके।

   कुछ हजार साल बाद यही जगह जब पुरातात्विक उत्खनन के दौरान पाई जायगी तो इतिहासकार कयास लगायेंगे कि चार हजार वर्ष पूर्व भारत के पशु इतने समझदार थे कि इंसानों की तरह उनके लिये भी शौचालय बनाये जाते थे। ऐसे शौचालयों के पास खूंटे गड़े होना स्पष्ट प्रमाणित करता है कि ये "पशु-शौचालय"  है :-)

- सतीश पंचम
 

3 comments:

  1. फोटू बहुत शानदार है और भविष्य में भूत का इतिहास आप बहुत ही धाँसू टाइप बताते हैं :)

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