Sunday, April 17, 2016

दो दुकानदार !



दो दुकानदार !
एक मटके वाला और दूसरा अंडे वाला ! दोनों के लिये ही बिकने से पहले 'फूटना' या 'ठोकर लगना' एक किस्म का गंभीर मामला है !

Sunday, February 21, 2016

भज मन...


भज मन.....

(पूर्वी उत्तर प्रदेश)

- सतीश पंचम

Saturday, February 20, 2016

जन-जमाव


जन-जमाव
(पूर्वी उत्तर प्रदेश)


-  सतीश पंचम

Saturday, July 20, 2013

खूँटेदार पशु- शौचालय



     गाँवों में शौचालय निर्माण के लिये दी जाने वाली सीमेंट की फर्श जिसके नीचे गड्ढा खोदकर शौचालय का निर्माण किया जाता है, खराब क्वालिटी के होने के कारण लोग उसका उपयोग इंसानों के लिये न करते हुए अपने पालतू पशुओं के लिये पक्की फर्श के रूप में करते हैं ताकि बरसातों में कच्ची गीली जमीन से पशुओं को कुछ हद तक राहत मिल सके।

   कुछ हजार साल बाद यही जगह जब पुरातात्विक उत्खनन के दौरान पाई जायगी तो इतिहासकार कयास लगायेंगे कि चार हजार वर्ष पूर्व भारत के पशु इतने समझदार थे कि इंसानों की तरह उनके लिये भी शौचालय बनाये जाते थे। ऐसे शौचालयों के पास खूंटे गड़े होना स्पष्ट प्रमाणित करता है कि ये "पशु-शौचालय"  है :-)

- सतीश पंचम
 

Friday, December 7, 2012

परजातंतर




यह फोटो आज सुबह ही ऑफिस जाते वक्त मोबाइल से लिया जिसमें पीछे की दीवार पर वही अलबेली बातें लिखी हैं कि अरबों का घोटाला हुआ, इतने का उतना हुआ और रास्ते के ठीक दूसरे सिरे पर एक शख्स सो रहा है। वहीं दीवार की ओर ही थोड़ा ध्यान से देखेंगे तो तस्वीर के एक हिस्से में तेज उजाला भी पड़ रहा है जिसमें से किसी नेता का पोस्टर पर बना मुस्कराता चेहरा सड़क पर सोये शख्स को देख रहा है। वस्तुत: यही हो भी रहा है।


Wednesday, August 8, 2012

पिचकी ट्यूब



बचपन में कभी साईकिल की पिचकी ट्यूब को कांधे पर रख हम भी फूले न समाते थे.....उस वक्त सारी कायनात उस पिचकी ट्यूब में समाई लगती थी :)

( ये पिछले साल ली गईं तस्वीरों में से है :)