Saturday, May 28, 2011

जलज 'ठाँव'

रहिमन निज संपत्ति बिना, कोउ न बिपति सहाय ।
बिनु पानी ज्यों जलज को,  नहिं रवि सकै बचाय ।।
    रहीम कहते हैं कि   जब कोई विपत्ति आन पड़े तो निजी संपत्ति  ही सहायक होती है,  बाहरी सहायता की  उम्मीद करना ठीक नहीं। हो सके तो समय के साथ थोड़ा-थोड़ा धन संचय करते रहना चाहिए, वही विपत काल में काम देता है। क्योंकि देखा गया है कि जब पास में कुछ न हो तो जो सहायता करने की नीयत वाले होते हैं वो भी हाथ खड़े कर देते हैं। 

     कमल अपने पास स्थित जल से सिंचित होकर खिलता है तो सूर्य उसे विकसित करता है, बड़ा करता है। किंतु,  यदि पानी ही सूख जाय तो सूर्य सहायता करना भी चाहे तो भी कमल की सहायता नहीं कर पाता।

Image detail  : तालाब में खिलने को तैयार जलज,  मुंबई के भायखला इलाके में स्थित एक चिड़ियाघर के हैं।

6 comments:

  1. yeh...pancham da'.....feelings is rapchik-cha-tapchik.......


    jai ho.

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  2. एक बढ़िया वालपेपर हाथ लगा!

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  3. नयनाभिराम चित्र दिखाते हुए क्या मार्के की बात कह दी...वाह...

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  4. बहुत बढ़िया लगा यहाँ आकार...चित्र को शब्दों के साथ परोसकर स्वाद बढ़ा दिया आपने !

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  5. फोटो तो जलज का सुन्दर है ही नीचे लिखी बात कमाल की है.एक खूबसूरत किन्तु कड़वा सच!

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