'लहबर' उठाये हुए मुस्लिम फ़कीर |
अक्सर किसी-किसी इलाके के मान्य किसी फकीर अथवा साईं के दरगाह, मजार हेतु तीर्थयात्रा के लिये जाते समय कुछ भक्त गण इलाके की प्रथानुसार हर घर से थोड़ा थोड़ा अन्न-दान लेते चले जाते हैं, कुछ लोग साथ साथ जाते हैं दान में मिली अन्न की बोरियों को ढोने-पहुंचाने के लिये .... साथ ही साथ जाता है रंग बिरंगे कपड़ों में लिपटा 'लहबर' ।
rochak shabd....
ReplyDeletejai ho.
वाह....
ReplyDelete'लहबर' शब्द बड़ा कर्णप्रिय लगा. चित्र कहानी कहता हुआ है अपनेआप में. लोगों के चेहरे नहीं दिखने से उत्सुकता बढती है.
ReplyDeleteलह्बर पहली बार सुना है ये शब्द .
ReplyDelete