'द्रौपदी'
'गाँव-घर' में हो रहे एक निर्माण कार्य के दौरान बालू में मिले कुछ पत्थर और घर के पास ही स्थित गुलाब के पौधे से मिली - द्रौपदी...... जिसे कि दुपहरी में बैठे-ठाले अपने कैमरे में कैद कर लिया :)
Update - दरअसल इस 'गुलाब और पत्थर' छायाचित्र को देखते ही मुझे वह महाभारत का प्रसंग याद आ गया जिसमें कि एक ओर जुए के दौरान हारी हुई, अपमानित द्रौपदी है और दूजी ओर उसके पांचो पति राजसभा में मौजूद हैं। उनके पास द्रौपदी के अपमानित होते देखते रहने के सिवा कोई चारा नहीं, यानि कि जड़-पत्थर की मानिंद पांचो बैठे रहे।
- सतीश पंचम |
द्रौपदी ????
ReplyDeleteथोडा किलियर कीजिये...
रंजना जी,
ReplyDeleteइस 'गुलाब-पत्थर' वाले चित्र को देखते ही मुझे वह महाभारत का प्रसंग याद आ गया जिसमें कि एक ओर जुए के दौरान हारी हुई, अपमानित द्रौपदी है और दूजी ओर उसके पांचो पति राजसभा में मौजूद हैं। उनके पास द्रौपदी के अपमानित होते देखते रहने के सिवा कोई चारा नहीं है, यानि कि जड़-पत्थर की तरह बैठे हैं।
इसलिये इस छायाचित्र का टाईटल मैंने द्रौपदी रख दिया :)
द्रौपदी का फ़ोटो क्यूट आया है!
ReplyDeleteइस दृष्टि से न देख पायी थी...
ReplyDeleteसार्थक नाम रखा आपने...
चित्र देख कर विस्मय हुआ था- यह कैसी द्रौपदी .
ReplyDeleteस्पष्टीकरण और अच्छा लगा. धन्यवाद !
सफेद, बड़ा वाला अर्जुन?
ReplyDeleteयह मैं पाठकों की कल्पनाशक्ति पर छोड़ता हूँ कि किसे अर्जुन माना जाय, किसे भीम .... कौन नकुल.... :)
ReplyDelete'tapchik'.........
ReplyDeletejai ho......
द्रौपदी नकुल-सहदेव के सबसे पास क्यूं ?
ReplyDelete............शायद आपको इतिहास आपको मुआफ ना करे?
बाबु! मैं अपने आंसू नही रोक पा रही.मरे चाहे जब बहने लगते हैं.
ReplyDeleteजैसे उस राजसभा में ले जाकर खड़ा कर दिया आपने और..........मेरा कृष्ना नही आ रहा मुझे बचाने .बहुत मार्मिक .प्रणाम बाबू ! इस कलाकार की दृष्टि को.
कई फोटोज देखे ..आज भी देख रही हूँ.किन्तु....दो तीन बार ही ऐसा हुआ जब किसी फोटो ने मुझे इस तरह भाव विह्वल किया है.
दुष्ट! (प्यार से ...गुस्से से नही.)