Monday, August 8, 2011

नॉस्टॉल्जिया Rocks......











मुंबई के काला घोड़ा फेस्टिवल के दौरान बासु चटर्जी की फिल्में दिखाई जा रही थीं। ऑफिस टाइम होने के कारण मैं इस फिल्म फेस्टिवल में शामिल तो न हो पाया लेकिन बाहर लगे चित्रों से पता चल जाता है कि कितना नॉस्टॉल्जिक माहौल रहा होगा.......

   - सतीश पंचम

Sunday, August 7, 2011

मौसमी ठहराव



            बारिश में सिंके  भुट्टों का आनंद लेना अच्छा लगता है लेकिन यही बरसात गाँव की कच्ची सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों के लिये मुश्किल खड़ी कर देती है, उन्हें जब तब कीच-काच में फंसा देती है। दूसरी ओर लगन का Season भी बारिश में नहीं होता जिससे कि शादी ब्याह के मौसम में किराये पर दी जाने वाली कारें जिनमें बैठ  दुल्हा दुल्हन लाये ले जाये जाते हैं वह भी नहीं हो पाता।

    नतीजतन वैवाहिक प्रयोजन और ऐसे तमाम कार्यों  के लिये इस्तेमाल में लाई जा रही गाड़ियां बरसात भर खड़ी कर दी जाती हैं.....मौसमी ठहराव के लिये।

ऐसी ही एक सुबह गाँव में घूमते समय एक घर से ली गई तस्वीर।

- सतीश पंचम

Thursday, August 4, 2011

रास्ते पर यूँ भी कभी......

         आज सुबह ऑफिस जाते समय देखा दो बच्चे एक थाली में सांप की तरह का कुछ लिये हैं और रास्ते में एक महिला उनकी थाली में सिक्का डाल हाथ जोड़ रही है। देखते ही तुरंत जेहन में आया - ओह,  आज तो नागपंचमी है।
  हमारे पर्व त्योहार कभी कभी दूसरों के जरिये भी याद आ आते हैं :)